अपनों के साथ Enjoyments and Enjoyments at SCA VATIKA with full relaxation; Day after day and for more than a week together (23-31 March 2021).
25th March 2021:
Morning begins with tasty रतलामी गरमा गरम नाश्ता in natural setup of SCA VATIKA.
Everyone is relaxed and enjoying togetherness with sublime feelings of oneness with nature at SCA VATIKA.
Enjoying delicious महाप्रसादी in simplicity without decorations or lighting and शाम को भजन कीर्तन से आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार की अनुभूति हो रही है।
अपनों के साथ ऐसा अनोखा अनुभव; जहाँ कोई बाहरी दिखावा नहीं है। यही तो रिश्तों की मिठास है।
SCA VATIKA में यही एहसास सभी को हो रहा है और आज पहले ही दिन सभी को समझ में आ गया की पूरा एक सप्ताह की रंगत कैसी अनोखी होगी।
26th March 2021:
अपनों में विश्वास और अपनापन से ही हम रिश्तों में आनंद ही आनंद का एहसास करतें है।
SCA VATIKA में छोटी छोटी ख़ुशियों से रिश्तों को अटूट बना दिया है।
चले अब पूरे एक सप्ताह साथ-साथ एक अनोखे आत्मीय साक्षात्कार को। कोरोना से डरे नहीं लेकिन स्वयं ही सचेत भी रहें कि कोई उसकी लपेट में ना आ सके और जीवन का भरपूर आनंद लें सके।
और रतलाम के हलवाई पं. सोहनलालजी वरदीचंदजी उपाध्याय तथा बहन राधाबाई दोनों ने भी अनोखे व्यंजन बड़े प्रेम से बना कर सभी के दिल को लूट ही लिया जब पहला ही व्यंजन दिलजानी बनाया। आगे 56 व्यंजनों का रसास्वाद और आनंद लिजिए।
रसास्वाद और अनोखे आनंद की अनुभूति आप सभी भी जरुर करोगे।
All of you can join us digitally or personally to enjoy togetherness with nature in SCA VATIKA. We are celebrating बसंत उत्सव anyway though it was declared as CANCELLED officially.
अपनों के यहाँ आने का कोई न्यौता नहीं होता, बस चलें आते है या चले जाते हैं जब मन करें।
Normally it is 7 am to 7 pm the best time to enjoy deciduous dishes of Ratlam.
Evenings are full of devotional enlightenment.
27th, 28th, 29th and 30th बहुत कुछ ख़ास रहा जिसके कुछ अंस फिल्म में आप देख सकते है।
We are not missing anyone who departed from us forever and also those who could not come due to worldly bonds.
Though बसंत उत्सव is reduced to say 20% of its glory that were actually to happen.
Thanks for your wishes to make बसंत उत्सव the best. The best could be achieved like this only when we meet and share our feelings from heart and also from minds that speaks love, faith, and affections for each amongst us.
जीवन ही एक उत्सव है जो बिछड़ने के बाद महोत्सव बन जाता है।
यहाँ साक्षात् अन्नपूर्णा माताजी भोजनशाला में पधारे हैं और उनके ही सांनिध्य में बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजनों का रसास्वाद सभी अपनों के साथ ले रहें है।
ईस मंदिर में जो भी अपने है वह किसी भी पल प्रसाद आकर ले सकतें है।
और शाम को भजन कीर्तन से आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार की अनुभूति कर सकतें है।
DIY projects for skills development and self-reliance also continued at SCA VATIKA.
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