भास्करस्य यथा तेजो, मकरस्थस्य वर्धते।
तथैव भवतां तेजो, वर्धतामिति कामये।।
मकरसङ्क्रान्तिपर्वणः सर्वेभ्यः शुभाशयाः।
अर्थात्
जैसे सूर्यका तेज मकर संक्रमण के बाद बढता है,
आपका तेज, यश, कीर्ती वर्धिष्णू हो यही मनोकामना.
मकर संक्रांती पर्वकी आपको और आपके परिवारको हार्दिक शुभेच्छा।
SCA Vatika में मकर संक्रान्ति कुछ ऐसे मनायी गयी जहाँ पशु, पंछी और बच्चों की उपस्थिति विशेष रही।
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