लॉकडाउन-4 खत्म हुआ और अनलॉक-1 शुरु हुआ है और आगे अनलॉक की श्रृंखला शायद चलती रहेगी।
कानून और व्यवस्था बनाये रखना हरवख्त सभी परिस्थितियों में सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी रही है। जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ सदैव सभी परिस्थितियों में उपलब्ध कराना सरकार की सब से बडी जिम्मेदारी है।
तो फिर कोरोना की महामारी के चलते ऐसा क्या विशेष रहा जिस वजह से इतना खौफ़ है चारोंतरफ?
हाँ,
कोरोना एक नयी बीमारी मात्र है जिसका इसवख्त कोइ इलाज नहीं है (जैसे सभी बीमारियों के समय भी हुआ करता था) और इलाज उपलब्ध होने तक हरएक को स्वयं ही कोरोना की बीमारी से सुरक्षित और बचाये रखना है, कैसे? यह शिक्षा सभी को तत्काल देना अति आवश्यक था जो लॉकडाउन श्रृंखला से खूब़ मिल चूकी है। बस यही शिक्षा अब से सभी के जीवन का हिस्सा बन जाना चाहिए।
लॉकडाउन या अनलॉक सरकार की व्यवस्था मात्र है जिसका सभी को सम्मान और पालन करना चाहिए जैसे हम सभी क़ानून और नियमों का पालन करते आये है। सरकार को भी सबक़ जल्दी से सिखना चाहिए और अपनी दूसरी बहुत ज़िम्मेदारियों को ध्यान में लेते हुए लॉकडाउन या अनलॉक श्रृंखलाओं का अंत करना ही उचित होगा। सरकार को जन-जन का जीवन जल्दी से सामान्य हो सके इसलिए कोई भी प्रकार की धनराशि से किसी की भी सहायता करने के बजाय निम्न सुझावों पर विशेष ध्यान देना ही उचित होगा।
बिजली, पानी जैसी सुविधाओं पर से अगले 6 माह तक कोई भी प्रकार के कर ना वसूलें
देश में सभी चुंगी नाका पर अगले 3 माह तक कोई रोकटोक ना हो और किसी भी प्रकार का आवागमन कर ना वसूलें
अगले 3 माह तक मनोरंजन कर ना वसूलें
कुल दो सत्र तक शिक्षा कर ना वसूलें
अगले 3 माह तक रेल यात्रा में सभी के लिए कोई भी प्रकार का कर ना वसूलें
उक्त सुझावों से सरकार की आय कम जरुर होगी लेकिन कोई घाटा भी नहीं होगा। सरकार मुफ़्त उपहार जैसे धनराशि देनेवाली सभी योजनाओं को अगले 2 वर्षों के लिए प्रतिबंधित करें, क्योंकि ऐसी योजनाएँ चलाने से राजनीतिक फ़ायदा ज़्यादा होगा लेकिन अचानक आयी कुदरती आपदाओं से निपटने में दिक़्क़तें बढ़ेगी।
क्या कोई युध्ध ग़रीब कल्याण योजनाओं के तहत मुफ़्त में धनराशि लूटाने से जीता जा सकता है? युध्ध जीता जा सकता है जनता के सहयोग से और जनता कैसा भी कष्ट उठाने को सदैव तैयार रही है।
य़ाद रहे कोरोना युगों-युगों तक रहनेवाला है और कभी भी ख़त्म नही होगा। बस उससे संक्रमित व्यक्ति को बचाने का टिका (Vaccine) की उपलब्धि का ईंतजार है।
इसलिए कोरोना की महामारी के चलते सिर्फ निम्न सावधानियाँ बरतना सभी के अपने हाथो में ही हैः
अधिकतर अपने घरों में ही रहें,
दो गज की दूरी बनाए रखें,
Mask से मुंह को नाक तक ढके रखें,
बार-बार हाथों को साबुन से धोएँ,
मुंह, नाक और आँखो को हाथ या अंगुलि लगाने से पहले sanitizer से साफ़ अवश्य करें
और सदा आनंदित रहें
उक्त तमाम व्यक्तिगत सावधानियों का खुद ही सख्ती से पालन करें और कोरोना को अब कोइ मौका ना दें किसी की भी जान लेने का।
तो फिर कोरोना से अब डर कैसा? सिर्फ चोतरफा सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा खूद करें।
और,
आओ चलें अब जीना सिख लें दोबारा...
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