जीत ही जाएंगे हम;
कोरोना ने मिटा दिया,
क्या मौत का भी डर?
होता है जंग जिने के लिए;
मर मिटने के लिए नहीं,
जब कोरोना से हो जंग..
जींदगी ना मिलेगी दोबारा;
घर में ही रहेंगे अपनों के साथ,
ताक में रहे चाहे कोरोना बाहर..
हम ईंतजार करेंगे सब्र से;
खुशियाँ जो मिल रही घर में,
थोड़े में ज्यादा जींदगी जिने की..
होगी शांति चारों ओर;
सभी चलेंगे साथ-साथ,
एक दिन, पूरा है विश्वास..
कोरोना की हैसियत ही क्या?
रिश्ते दोस्ती बनेंगे ओर भी ग़हरे,
जीत ही जाएंगे हम ये जंग..
एक दिन,
पूरा है विश्वास..
सुरेश गोराना
25 अक्तुबर 2020 (विजयादशमी)
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