Amazing beginnings today, आज के दिन नयी सुबह और सब कुछ नया जो दिर्घ-कालीन बनता चला गया और अभी कलियुग है और इसके बाद…
जैसा हम चाहे वैसा ही बना सकते है 🪔🙏
सतयुग
त्रेतायुग
द्वापरयुग
कलियुग
हमारे ही समय में सृष्टि का विनाश सर्वाधिक हो रहा है, जो अकल्पनीय है !!!
आज नववर्ष के प्रथम सुबह हम सभी संकल्प करें कि अब सृष्टियुग का निर्माण करने का हमारे ही हाथों में है जहां सभी युगों का आधार रहा है।
सृष्टियुग
मैं संकल्प लेता हूँ कि;
“सृष्टि ही शक्ति है (almighty nature) जिस की उपासना ही मेरा धर्म है, अस्तु…”
🙏🌿🌿🪔🪔🪔🙏
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